Sukhbir
सुखबीर (1925-2012)। पंजाबी के प्रतिष्ठित कवि, कहानीकार, उपन्यासकार, निबंधकार और चिंतक। छह दशकों के सृजनकाल में 7 उपन्यास , 15 कहानी संग्रह और 8 कविता संकलन प्रकाशित। पंजाबी और हिंदी, दोनों भाषाओं में लेखन किया। शुरू में पत्रकारिता की, कुछ एक वर्ष कॉलेज में अध्यापन और फिर पूर्णत: स्वतंत्र लेखन को अपनाया। पंजाबी साहित्य में स्वतंत्र लेखन के बल पर आजीविका चलाने वाले और अपने कलात्मक और प्रगतिशील दृष्टिकोण के प्रति समर्पित, सुखबीर एक विशिष्ट लेखक माने जाते हैं। सुखबीर के लेखन में मार्क्सवाद और फ्रॉईडवाद, इन दोनों विचारधाराओं का बराबर का प्रभाव दिखता है। अनुवाद के क्षेत्र में भी सुखबीर का विशेष योगदान रहा। टॉलस्टॉय के महाग्रंथ वॉर एंड पीस और विश्व साहित्य के अन्य कई उपन्यासों का पंजाबी अनुवाद किया। विज्ञापन और हिंदी फ़िल्म लेखन से भी वे जुड़े रहे। सुखबीर की रचनाएं कई विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रमों में सम्मिलित रही हैं। सुखबीर को कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया, पर उन्होंने स्वीकार करने से हमेशा संकोच किया। इसलिए उन्हें पंजाबी साहित्य का “सार्त्र” भी कहा जाता है।